Monday, September 20, 2021

तुम जब आओगी..!

तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे
मेरी तन्हाई में ख़्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं
मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं

इन किताबों ने बड़ा ज़ुल्म किया है मुझ पर
इन में इक रम्ज़ है जिस रम्ज़ का मारा हुआ ज़ेहन
मुज़्दा-ए-इशरत-ए-अंजाम नहीं पा सकता
ज़िंदगी में कभी आराम नहीं पा सकता

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Jaun Elia

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તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી!!

તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી! અંતરના અમિત ઊંડાણમાં! પ્રત્યાશાઓના નૂતન અરણ્યમાં! તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી! કો વિહગ-ઝુંડ સત્વરે ઊપ...