मेरा जीवन तुम थें जीवन-घन तुम थें
आंखों ने अगणित फ़ूल
बिछाएं हर्षित हो झूल
उस फूलों की आड़ में
तुम्हारा पथ निष्कंटक रहें
जीवन-मधु-प्याला
सदैव अक्षत अघट रहें
जीवन ऋतुराज था मधुवन तुम थे
मेरा जीवन तुम थें जीवन-घन तुम थें
व्यथा उमड़ती पारावार
मधुता लगती निस्सार
शोकाग्नि में निर्वाण हुए
हृदय-कमल सुकुमार
विकल-विरह-पथ
मुस्क्याता अनंत अपार
जीवन अवदात-गेह था आंगन तुम थें
मेरा जीवन तुम थें जीवन-घन तुम थें
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Rajdip Kota
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