Friday, September 17, 2021

मेरा जीवन तुम थें...

मेरा जीवन तुम थें जीवन-घन तुम थें
आंखों ने अगणित फ़ूल
बिछाएं हर्षित हो झूल
उस फूलों की आड़ में
तुम्हारा पथ निष्कंटक रहें
जीवन-मधु-प्याला
सदैव अक्षत अघट रहें

जीवन ऋतुराज था मधुवन तुम थे
मेरा जीवन तुम थें जीवन-घन तुम थें


व्यथा उमड़ती पारावार
मधुता लगती निस्सार
शोकाग्नि में निर्वाण हुए
हृदय-कमल सुकुमार
विकल-विरह-पथ
मुस्क्याता अनंत अपार

जीवन अवदात-गेह था आंगन तुम थें
मेरा जीवन तुम थें  जीवन-घन तुम थें

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Rajdip Kota

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તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી!!

તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી! અંતરના અમિત ઊંડાણમાં! પ્રત્યાશાઓના નૂતન અરણ્યમાં! તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી! કો વિહગ-ઝુંડ સત્વરે ઊપ...