Monday, September 20, 2021
अब कोई नहीं आता!!
तुम जब आओगी..!
Saturday, September 18, 2021
तुम्हारे नाम तुम्हारे निशाँ से बे-सरोकार!!
तुम कौन मेरा जीवन सजाते?
Friday, September 17, 2021
अविगत को मेरी भावनाएं!!
अविगत को मेरी भावनाएं
अप्रितम को मेरी कामनाएं
यदि तुम मेरे स्नेह को पहचानती
मधु-कलि आंगन में मुस्क्याती
सरसिज-रस जीवन में घुल जाता
बसंती जोड़े में ऋतुराज झूम आता
लेकीन मेरी कल्प्यता को यथार्थ का सा
कोई ठौर मिल न सका
रंज हैं मुझे कि इक भी मधु-पुष्प
जीवन-बगिया में खिल न सका
एक अनजाना भाव मेरी कामना हैं
जो अनजाना हैं बिल्कुल अनजाना हैं
उसकी प्रत्याशा आंखों में सजाए निशी-दिन
मुझको पागलपन का खेल रचाना हैं
तुम नहीं तो अब उस भाव को
याद करके जीवन काट लूंगा
स्नेह-मुद्राएं जो मिली हैं तुमसे
समस्त विश्व में बाट दूंगा
प्रिय! इस बार तुम मेरा गंतव्य स्थान नहीं हों
देह के लिए सुजान नहीं हो मेरा मान नहीं हों
अनदेखे अपरिमित भाव-विश्व को मेरी शत
प्रार्थनाएं
अविगत को मेरी भावनाएं अप्रतिम को मेरी
कामनाएं
_
Rajdip Kota
मेरा जीवन तुम थें...
Thursday, September 9, 2021
वह जा चुकी है!!
તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી!!
તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી! અંતરના અમિત ઊંડાણમાં! પ્રત્યાશાઓના નૂતન અરણ્યમાં! તને મૈં ક્યાં ક્યાં ન ખોળી! કો વિહગ-ઝુંડ સત્વરે ઊપ...
-
अविगत को मेरी भावनाएं अप्रितम को मेरी कामनाएं यदि तुम मेरे स्नेह को पहचानती मधु-कलि आंगन में मुस्क्याती सरसिज-रस जीवन में घुल ज...
-
(वह जा चुकी है) किसे ढूंढती हैं तुम्हारी नज़र इतनी बेताबी-ए-दिल क्यूं क्यूं जलाएं चराग़-ए-उम्मीद जब कि तुम्हें मालूम था इसका कुछ...
-
तुम्हारे नाम तुम्हारे निशाँ से बे-सरोकार तुम्हारी याद के मौसम गुज़रते जाते हैं बस एक मन्ज़र-ए-बे-हिज्र-ओ-विसाल है जिस में हम अपन...